जब गंगा नदी का अस्तित्व नहीं था, तब कौन सी नदी भारत में बहती थी?
गंगा नदी...भारत की सबसे पवित्र नदी, जिसे माँ का दर्जा दिया गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भागीरथी नदी गढ़वाल के गंगोत्री से निकलकर देवप्रयाग में अलकनंदा से मिलती है और आगे गंगा के रूप में बहती है। कहा जाता है कि भागीरथ ने मां गंगा को धरती पर अवतरित किया था। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि जब मां गंगा धरती पर अवतरित नहीं हुई थीं तो उससे पहले यहां कौन सी नदी बहती थी। हालाँकि, यह बताना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि भागीरथ का जन्म लगभग 14 हजार साल पहले हुआ था।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी कानपुर द्वारा जारी शोध पत्र के अनुसार, जब गंगा धरती पर अवतरित नहीं हुई थी, तब भारत में सरस्वती नदी मौजूद थी, यहां केवल सरस्वती ही बहती थी। उस समय सरस्वती नदी की अनेक धाराएँ थीं। महाभारत में विनाशन नामक स्थान पर सरस्वती नदी के विलुप्त होने का उल्लेख मिलता है। ब्रह्मावर्त और कुरूक्षेत्र इसी नदी के तट पर थे, लेकिन आज उस स्थान पर एक झील है। हमारे वैदिक ग्रंथों के अनुसार पृथ्वी पर नदियों की कहानी सरस्वती नदी से शुरू होती है।
शोध के अनुसार, सरस्वती नदी के लुप्त होने का कारण प्राकृतिक आपदा माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जब नदी विलुप्त हो गई तो यह दो भागों में विभाजित हो गई। पहला भाग सिंधु और दूसरा भाग गंगा के नाम से प्रसिद्ध हुआ। यह भी कहा जाता है कि करीब 21 हजार साल पहले सरस्वती नदी करीब 22 किलोमीटर चौड़ी थी। रामायण और महाभारत में कई स्थानों पर सरस्वती नदी का उल्लेख और वर्णन किया गया है।
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